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दम घुटता है
दम घुटता है इस अजनबी जिंदगी से,
समझ ना आता क्यु जी रहे है हम।
उम्मीद कुछ बाकी ना रही अब,
जीने की कोई ख्वाहिश ही ना रही अब।
जो पाना था शायद पा ही लिया है,
और कुछ पाने की लालसा ही ना रही।
नीरस और बेजान हो चली है जिंदगी,
सच मे अब दम घुटता है इस जिंदगी से।।
© talk2coolnaveen
समझ ना आता क्यु जी रहे है हम।
उम्मीद कुछ बाकी ना रही अब,
जीने की कोई ख्वाहिश ही ना रही अब।
जो पाना था शायद पा ही लिया है,
और कुछ पाने की लालसा ही ना रही।
नीरस और बेजान हो चली है जिंदगी,
सच मे अब दम घुटता है इस जिंदगी से।।
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