...

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बस एक इशारा कर देना....
एक ना एक दिन
वो शाम जरूर आयेगी,
जो तुम्हे किसी
बहाने से मेरे करीब लायेगी,
लब मेरे जो खामोश
रहे तो निग़ाहें मेरी पढ़ लेना,
हो प्यार अगर जो तुमको
भी तो बस एक इशारा कर देना...

उस शाम की लाली
को मैं तेरे गालों पे भर दूँगा,
बहती हवा की खुशबु
को तेरे बदन के नाम मैं कर दूँगा,
सितारों की टिमटिमाहट
को तुम अपने आँचल मे भर लेना,
हो प्यार अगर जो तुमको
भी तो बस एक इशारा कर देना...

उस शाम मैं अपने जीवन
को एक सदियों जैसा जी लूँगा,
तेरे नयनों के समंदर
से मैं जाम इश्क़ के पी लूँगा,
हो जाऊँ जो मैं ख़ुद से बे-खबर्
तो होश मे मुझको ला देना,
हो प्यार अगर जो तुमको
भी तो बस एक इशारा कर देना_!!
© दीपक