...

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कुछ बाकी है अब भी
तुम कोई गजल, कोई किताब हो क्या?
जी करता है देखता रहूँ तुम ख्वाब हो क्या?

तुम जब भी आती हो खुशबू बिखरती है,
तुम चमेली हो या महकता गुलाब हो क्या?

तुम्हारी सूरत से नूर छलकता रहता है,
तुम आसमां का चमकता आफताब हो...