ज़रूरी
किसी को गिराना जरूरी था किसी को उठाने के लिए,
इंसानियत गिर गई ये बात समझाने के लिए।
हवाओं में सीधे तौर पर कोई दम न था,
साजिशें रचनी पड़ी चरागों को बुझाने के लिए।
भूखे पेट नींद कहाँ आती थी किसी को, ...
इंसानियत गिर गई ये बात समझाने के लिए।
हवाओं में सीधे तौर पर कोई दम न था,
साजिशें रचनी पड़ी चरागों को बुझाने के लिए।
भूखे पेट नींद कहाँ आती थी किसी को, ...