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सताती यादें
तेरी गलियों मे,आना चाहेंगे हम,
तेरे घर की खिड़की पर, खड़े देख तुझे,
शर्माकर नज़र बंद करना चाहेंगे हम,
कुबूल कर और बांध ले,
तेरी चुन्नी की गांठ में,
क्यों की, तुझे चाहा बोहोत है,
अब सीने से लगाना चाहेंगे हम..... 🖊️🖊️
© Sarang Kapoor
तेरे घर की खिड़की पर, खड़े देख तुझे,
शर्माकर नज़र बंद करना चाहेंगे हम,
कुबूल कर और बांध ले,
तेरी चुन्नी की गांठ में,
क्यों की, तुझे चाहा बोहोत है,
अब सीने से लगाना चाहेंगे हम..... 🖊️🖊️
© Sarang Kapoor
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