...

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" मेरी कहानी "
सबकी जिंदगी में कुछ इत्तेफाक होता है
हर बार नही पर एक बार होता है,
मैं चला और चलाती गई जिंदगी,
हकीकत का सामना करना सिखाती गई जिंदगी,
मेरे साथ भी एक इत्तेफाक हुआ,
महज वहम था वो,ये भी एहसास हुआ,
कोई जरूरत नहीं होती किसी को किसी के साथ की,
बस कुछ है तो मतलब के बात की,
खैर छोड़ो हमको तो बस जिंदगी गुजारनी है,
चाहे जैसी भी हो बस अब तो मौत ही आनी है,
क्या हुआ क्या नहीं क्या मायने रखता है,
अब तो बस बची हुई जिंदगी बितानी है।

© nainshi anand