...

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सूरज, चांद और एक शाम
एक शाम श्याम सी, तू लड़की सावली ।
सूरज ले विदा, और चाँद अभी आया नहीं।।

सूरज जला न सके, चाँद शीतल न कर सके,
तू बेचैन हवा, कभी इधर चले, कभी उधर चले।।

तेरे वियोग मे सूरज डूबता हुआ, जलता हुआ ।
एक चाँद तेरे इंतजार में, पूरे से आधा होता हुआ।।

टूटे हुए तारे से दोनों ने तुझे पाने की दुआ मांगी।
तू भंवर मे फसी ऐसे, न इधर जा सकी न उधर जा सकी।।

तुझे बेबस देख, सूरज ढल गया, चाँद लेट हो गया।
ऐ शाम सावली, तुझे रात न मिली, न तुझे दिन मिला ।।

झलक सूरज की भी है, चाँद की भी, तू पगली शाम है।
तू रोशनी भी है, तू अंधेरा भी, तू जीवन की सच्ची तस्वीर है।

सूरज भी जिंदा है, चाँद भी जिंदा है, और तू भी जिंदा है।
हम मिलते नहीं, इस दुनिया के सामने, पर मोहब्बत की मिशाल है।।


© him@n