...

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Anamika (gazal)
आज उन गलियों में
फिर आना जाना हुआ
जिसमे में अक्सर आया
जाया करता था लोग
अनजान थे गालियां विरान
थी सिर्फ एक शक्स था
जिसे मेरी पहचान थी
उसकी आंखों में अजब
सा नूर था कितने हुस्न
वालों का घमंड उसके
सामने चुर चूर थ
वो झुल्फें सवार रहीं
मैं चांद को बुला रहा
था वो अपनी खूबसूरती
दिखाकर चांद को रुला
रहीं थी
वो ठरी हुस्न की मल्लिका
मै ठ रा गरीब फ़कीर
वो हुस्न कि थी अमीर
मैं दिल का था रईस
शायद खुदा ने उस
जैसा बनाया एक peice
वो सड़क के उस और
जाड़े में खड़ी थी झुल्फों
की चादार ओढें खड़ी थी
वो थी सच की मूरत वो
थी खूबसूरत मैं था बदसूरत
मै हूं शायर पर हूं कायर
ना उसका हुस्न बयां कर
सकता ना उसके बिना
रह सकता उसके पास
थी जादू की छड़ी जो
आकार मेरे दिल पर पड़ी
मेरा दिल पिघल गया उसका
च ह रा खिल गया इस इस अजनबी
दुनिया में कोइ अपना मिल गया
उसने किया मेरी और रुख मैंने
नीचे किया अपना मुख
वो आई मेरे पास जिसकी नहीं
थी मुझे आस jese सदियों बाद
आई रेगिस्थान मै बरसात
उसने थामा मेरा हाथ खुदा ने
क्या बनाई रात चांद मेरे सामने
था क्या बात क्या बात
aarni creations
आप नाम को लेकर गलत मतलब मत samazhna मै उसको नहीं जनता ये सिर्फ एक
क्रिएशन है जो मेरी अपनी है
तू गैलन करे केडियान में जितना जहां नी ओह दब या ना कर तु है जट दी रकान नी
© aarni..