मेरे निशान..
हाल क्या पूछते हम मौसम का,
हमें तो खुद को आजमाने की तड़प है।
मेरी शख्सियत थोड़ी अलग है,
जहां मिले मौका मेरी नज़र वहां तलक है।
आना और चले जाना,
यही मकसद नहीं है मेरी ज़िन्दगी का,
पर्दों...
हमें तो खुद को आजमाने की तड़प है।
मेरी शख्सियत थोड़ी अलग है,
जहां मिले मौका मेरी नज़र वहां तलक है।
आना और चले जाना,
यही मकसद नहीं है मेरी ज़िन्दगी का,
पर्दों...