बेवफा
तेरी गलियों ने भी मुझे पराया कर दिया
ये बेरुखी भी जाने किस बात पर है
मुझे लगा कि मुझसे रुठी हुई है
मगर वो रक़ीब के साथ कोल पर है
मैं तो उसके साथ दो पल बिता कर खुद को
खुशनसीब समझता था
वो तो उसके साथ रात भर है
मैं तो अपनी खुशीयां खो चुका हूँ
उसके होठों पे...
ये बेरुखी भी जाने किस बात पर है
मुझे लगा कि मुझसे रुठी हुई है
मगर वो रक़ीब के साथ कोल पर है
मैं तो उसके साथ दो पल बिता कर खुद को
खुशनसीब समझता था
वो तो उसके साथ रात भर है
मैं तो अपनी खुशीयां खो चुका हूँ
उसके होठों पे...