...

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फूलों के कंपन ने गीत रचा
कितने अरसों से धूप खिली है
फूलों के कंपन ने गीत रचा

सुरभि प्रवाह से स्वागत करते
आगमन का वंदन करते

अब ठहरो तुम मुड़ न जाना ...