चेहरे पर मुस्कान है
चेहरे पर मुस्कान है
सिर्फ दिखाने के लिए
दिल में उतर कर देखो
घाव है कितने मलहम लगाने के लिए
कहर रही है आत्मा
तुमसे दो लफ्ज़ गुनगुनाने के लिए
आंसू बहाते हैं आंख
रुमाल है सच को छुपाने के लिए
दिल बोल रही है
सदी के राग दबाने के लिए
पत्थर राहों में आता है
ऊंचा छलांग लगाने के लिए
स्मृति मत भुलो संदीप
आलम...
सिर्फ दिखाने के लिए
दिल में उतर कर देखो
घाव है कितने मलहम लगाने के लिए
कहर रही है आत्मा
तुमसे दो लफ्ज़ गुनगुनाने के लिए
आंसू बहाते हैं आंख
रुमाल है सच को छुपाने के लिए
दिल बोल रही है
सदी के राग दबाने के लिए
पत्थर राहों में आता है
ऊंचा छलांग लगाने के लिए
स्मृति मत भुलो संदीप
आलम...