हौसला
ना वक़्त भला था ना हालात भले थे ,
बस आंखों में सपने लिए निकल पड़े थे,
ना मंज़िल का पता था , ना रहने का ठिकाना था ,
बस आंखों में सपने और दिल में ढेरों सैलाब लिए थे,...
बस आंखों में सपने लिए निकल पड़े थे,
ना मंज़िल का पता था , ना रहने का ठिकाना था ,
बस आंखों में सपने और दिल में ढेरों सैलाब लिए थे,...