कोई और भी है...
"अपने दिलो-दिमाग में
जैसा और जितना प्रेम
मैं रोज जीता हूँ,
अगर उसका दसवां हिस्सा भी
हकीकत हो जाये..."
आज बस यही सोच
मन-ही-मन रो गया
कि मैं कितना अभागा हूँ...
फिर गुस्से में
ईश्वर से पूछ, गिड़गिड़ाता रहा
कि आखिर मुझसे इतनी...
जैसा और जितना प्रेम
मैं रोज जीता हूँ,
अगर उसका दसवां हिस्सा भी
हकीकत हो जाये..."
आज बस यही सोच
मन-ही-मन रो गया
कि मैं कितना अभागा हूँ...
फिर गुस्से में
ईश्वर से पूछ, गिड़गिड़ाता रहा
कि आखिर मुझसे इतनी...