टूटता तारा
आज फिर कोई अपना किसी से जुदा हुआ है!
टूटता तारा यहां किसी का खुदा हुआ है!!
सोचने पर मजबूर है कलम मेरी अलबेली!
जो खुद है टूटा वो क्या...
टूटता तारा यहां किसी का खुदा हुआ है!!
सोचने पर मजबूर है कलम मेरी अलबेली!
जो खुद है टूटा वो क्या...