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न सूरत न मूरत
न सूरत न मूरत
न चांद सितारा चाहिए
हमें तो बस हमारी
प्यारी गुड़िया न्यारा चाहिए

फूलों सी खिलती हुई
राज दुलारा चाहिए
एहसासों की बंधन का
वह फूल हमारा चाहिए

निखर कर भव में छाऊंगा
वह तारा चाहिए
अंधेरे मिट जाएंगे
भोर सुहानी सूरज हमारा चाहिए

भव के तर से निकल जाऊंगा
जीवन हमारा चाहिए
ओस की बूंदों पर खिलाने वाली
खिलौना जग सारा चाहिए

खुशियों से भर जाएगी झोली
वह उल्लास हमारा चाहिए
मधुर स्वर की उस गगन की
आवाज हमारा चाहिए

तर अंबर सफर में
हाथ मेहंदी सारा चाहिए
मनभावन जगत की
प्रखर चेहरा न्यारा चाहिए

मुस्कान से मनमोहित उसकी ...