यूं राख के ढेरों पर रोना अच्छा नहीं होता....।
मिल जाए तो थोड़ा थोड़ा बांट लो
ये प्रेम की दुनिया है साहब
यहां हर वक़्त आग लगाना अच्छा नहीं होता....
घर मकान सबके जलते है
साथ में जल जाते है कहीं नायाब किस्से
हो सके तो प्यारे किस्सों को संजोए रखना
हर वक़्त...
ये प्रेम की दुनिया है साहब
यहां हर वक़्त आग लगाना अच्छा नहीं होता....
घर मकान सबके जलते है
साथ में जल जाते है कहीं नायाब किस्से
हो सके तो प्यारे किस्सों को संजोए रखना
हर वक़्त...