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वो क्यों बने अनजान?
काश,वो मेरा दर्द समझ पाते,
मेरी आंखों को पढ़ पाते,
बंद लबों की आवाज़ सुन पाते,
मेरे मन के अहसासों को समझ पाते,
धड़क रहा सीने में दिल मेरा,
वो उसकी धड़कन को नाप पाते।
काश, वो हमें समझ पाते।
यही बात करती हमें यह रहकर हैरान
सब जान कर भी,
वो क्यों बने भोले और अनजान?
© mere ehsaas
मेरी आंखों को पढ़ पाते,
बंद लबों की आवाज़ सुन पाते,
मेरे मन के अहसासों को समझ पाते,
धड़क रहा सीने में दिल मेरा,
वो उसकी धड़कन को नाप पाते।
काश, वो हमें समझ पाते।
यही बात करती हमें यह रहकर हैरान
सब जान कर भी,
वो क्यों बने भोले और अनजान?
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