आज फिर........
आज फिर गली से गुजर रही थी वो ,
कांधे पर बस्ता, दिल में उमंग लिए जा रही थी वो।
ना घर की चिंता ना जहां की ,
अपनी ही...
कांधे पर बस्ता, दिल में उमंग लिए जा रही थी वो।
ना घर की चिंता ना जहां की ,
अपनी ही...