...

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कोरा कागज और भाव
आज बहुत दिनों बाद
चैन की नींद आई।
बोझिल मन ने सुकून पाया था
कि उसने अपनी व्यथा उजागर कर दी है
अब वो किसी को भ्रमित नहीं कर रहा।
मन, तुम किसी से झूठे वादे नहीं कर सकता
तो लो आज तुम परे हो उस जद्दोजहद से भी।
अब खुश हो जा मनवा ,
आ लौट चल उस हँसी की दुनिया में,
जो तेरी बाट जोह रही।
वही तेरी छोटी सी, प्यारी सी दुनिया है।