...

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यही जीवन है

जो आज है हमेशा तो नहीं रहेगा,
एक न एक दिन खत्म होना है !!
तो कमी बस इतनी ही है हमारी-
उसे य़ाद कर हरदम ही रोना है !!

माना कि नहीं होता कभी कम !
बिछुड़ने ,खोने ,नष्ट होने का ग़म !!
पर कब तक बैठे रहें होकर बेदम,
स्मृति में जिन्दा रखकर यादों को-
चलना है आगे आगे बढ़ाकर कदम !!

यही है जीवन भी गतिशील बन रहना ,
नया जोड़ते चलना,जीर्ण छोड़ के बढ़ना !
कर्म करते हुए ,फल की चिन्ता नहीं करना ,
यही जीवन है सद्ग्राह्य कर असत छोड़ना !!
© MaheshKumar Sharma
22/5/2023

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