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Happy Rose 🌹 day to all...
मेरा गुलाब आज फिर मुरझा गया
वर्षो पहले शुरु हुईं मोहब्बत की कहानी बिन हासिल हुऐ मुकाम को. तमाम हो गई

इतना है यकीं वो बेवफ़ाई करेगी नही
नहीं जानता,हुवा क्या है क्या छुपा कर रखा है उसने बीच सीने में
शायद डरती होगी वो भी ज़माने की रुसवाइयों से..

मेरे दुश्वारियों की शिफ़ा वो है
वफ़ा ना सही.. बस जादू आवाज़ की उसके
दिल को छू.. सुकूं दे जाती है.. वरना बोलियों धरा क्या है...

दीवानों से मोहब्ब्त का मुक़ाबला ना करो
जो जीते है इश्क़ को ज़िंदगी समझ उनसे फासले से रहा करो
बर्बाद ज़माने की निगाहों में कहलाते हैं वो जो शिद्दत से आशिक़ी को निभाते हैं वो...

आरजू बस इतनी है आज
गुलाब से नाज़ुक लबों पर तेरी कुरबान मेरे लब हो जाएं
हो जाये गर दीदार आपकी मदहोश नजरों का
तो बूंदे ओस की, मेरे लिए शराब हो जायें..
© दी कु पा