इतने दिनों के बाद जो देखा तुम्हे तो युं लगा..
इतने दिनों के बाद जो देखा तुम्हे तो युं लगा..
जैसे रेगिस्तान की जलती सुलगती रेत पर
एक दिन अचानक बारिश हों कि
जलती सुलगती रेत को ठंडक मिले..
इतने दिनों के बाद जो देखा तुम्हे तो युं लगा..
जैसे अँधेरी रात की सब काली दीवारें गिरे
और रोशनी का एक दरिया हर तरफ बहने लगे..
इतने दिनों के बाद जो देखा तुम्हें तो युं लगा..
कि एक बेजान तन में आत्मा फिर लौट आये
वो जो खो चुका था जिंदगी फिर जिंदगी पा जाए..
वो जो मर चूका था जी उठे और फिर कहे
और फिर कहे कैसे बताऊं तुम मेरे लिए कौन हों..!
© ShashiN
जैसे रेगिस्तान की जलती सुलगती रेत पर
एक दिन अचानक बारिश हों कि
जलती सुलगती रेत को ठंडक मिले..
इतने दिनों के बाद जो देखा तुम्हे तो युं लगा..
जैसे अँधेरी रात की सब काली दीवारें गिरे
और रोशनी का एक दरिया हर तरफ बहने लगे..
इतने दिनों के बाद जो देखा तुम्हें तो युं लगा..
कि एक बेजान तन में आत्मा फिर लौट आये
वो जो खो चुका था जिंदगी फिर जिंदगी पा जाए..
वो जो मर चूका था जी उठे और फिर कहे
और फिर कहे कैसे बताऊं तुम मेरे लिए कौन हों..!
© ShashiN