...

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ताला
जितने ताले संसार में, सबकी चाबी होय।
हां यह दीगर बात है,जाने नही हर कोय।।
ताले के जैसा लगे, जटिल सकल संसार।
चाबी ज्ञान विवेक है ,खुलता हर प्रकार।।
सज्जन निजमग परचले,ताले का निर्माण।
चोर लुटेरों के लिए,तनिक न इसका काम।।
इस सारे ब्रह्मांड पर , है ताला लगा महान।
चाबी नो छः तीन में, जान सको तो जान।।
ताला युक्ति यंत्र की,सु रक्षित रखना काम।
क्रम संयोजन मेल से,खोले वह चाबी नाम।।
काट तोड़कर खोलते,फिर नही आता काम।
चाबी से गर खोल दो, तो चलता उम्र तमाम।।
हर कोई चाहे जानना,क्या ताले के पार।
जो नही चाबी खोजता, वो जाता है हार।।
दुनियामें ऐसी जगह,जहां नही तालेका काम।
महफूज सभी तालेबिना,शिगणापुर शनिधाम।।