जीवन
#जाने-दो..!
जाने दो जो चला गया,
मृगछालों से जो ठगा गया।
बेवक्त जो वक्ता बना गया
समय का तख्ता पलट गया
छल कपट की दुनिया में
छल करता ही चला गया
कर्मो से अनभिज्ञ वो
दुष्टता का समन्वय करते गया
चली जब प्रभु की चक्र
कर्मो का वो फल भोग गया
जीवन चक्र के खेल में जीवन से वो ठगा गया।,
© anjan paheli
जाने दो जो चला गया,
मृगछालों से जो ठगा गया।
बेवक्त जो वक्ता बना गया
समय का तख्ता पलट गया
छल कपट की दुनिया में
छल करता ही चला गया
कर्मो से अनभिज्ञ वो
दुष्टता का समन्वय करते गया
चली जब प्रभु की चक्र
कर्मो का वो फल भोग गया
जीवन चक्र के खेल में जीवन से वो ठगा गया।,
© anjan paheli