बेटी बचाओ
बेटी बचाओ
(My first poem written myself)
मैं भी लेती सांस हूँ,
पत्थर नही इंसान हूँ।
तुझ जैसी ही हूँ,
बस प्यार की भूखी हूँ।
दिया नही कोई मौका,
और न समझा अपना।
बेटी की कीमत पूछो उनसे,
जिनके पास नही...
(My first poem written myself)
मैं भी लेती सांस हूँ,
पत्थर नही इंसान हूँ।
तुझ जैसी ही हूँ,
बस प्यार की भूखी हूँ।
दिया नही कोई मौका,
और न समझा अपना।
बेटी की कीमत पूछो उनसे,
जिनके पास नही...