ज़िंदगी कभी शोला तो कभी शबनम
#Raindrops
ज़िंदगी पल-पल इस क़दर फिसल रही है मेरे हाथ से,
जैसे फिसल रही हो बारिश की बूँदें खिड़की के काँच से।
बिखर रही है ज़िंदगी शनै:शनै: बारिश के पानी की तरह,
बह रही है वक़्त के बहाव में वो एक तिनके की तरह।
पानी का बुलबुला...
ज़िंदगी पल-पल इस क़दर फिसल रही है मेरे हाथ से,
जैसे फिसल रही हो बारिश की बूँदें खिड़की के काँच से।
बिखर रही है ज़िंदगी शनै:शनै: बारिश के पानी की तरह,
बह रही है वक़्त के बहाव में वो एक तिनके की तरह।
पानी का बुलबुला...