गौरी ,,,
RAAJ PREEET
#PREEET
तन्हा रातों की तन्हाई मे दिल को बहुत समझाते है
गौरी तेरे नाम पर यहाँ लफ्ज सजाये जाते है
तुम हो शांत समन्दर सी कभी रूकती हो कभी बहती हो
ख्यालो की मुलाकात हो तुम शांत होकर भी बहुत कुछ कहती हो
रहती हो खुद मे तुम , तुझ मे PREEET समाया है
शब्दो की लिखावट तुम हो तुमसे हर शायर शीर्ष पहुंचाया है
रंग रूप की अनूठी पहेली तुम हो खुद की सहेली
PREEET को भी पागल बनाये बातें तुम्हारी सब अलबेली
गौरी इत्र तेरे से खुशबू उधार मांगे रितु बसन्त बहार मांगे
हमको चाहिए न कुछ भी और...
#PREEET
तन्हा रातों की तन्हाई मे दिल को बहुत समझाते है
गौरी तेरे नाम पर यहाँ लफ्ज सजाये जाते है
तुम हो शांत समन्दर सी कभी रूकती हो कभी बहती हो
ख्यालो की मुलाकात हो तुम शांत होकर भी बहुत कुछ कहती हो
रहती हो खुद मे तुम , तुझ मे PREEET समाया है
शब्दो की लिखावट तुम हो तुमसे हर शायर शीर्ष पहुंचाया है
रंग रूप की अनूठी पहेली तुम हो खुद की सहेली
PREEET को भी पागल बनाये बातें तुम्हारी सब अलबेली
गौरी इत्र तेरे से खुशबू उधार मांगे रितु बसन्त बहार मांगे
हमको चाहिए न कुछ भी और...