माँ
ये सन्नाटे भरे दिन ये अंधेरे घणे रातें
बैचैनी लेते करबट मन में उलझी हजारों बातें
सीने में होती एक अजीब सी जो चुभन
जो...
बैचैनी लेते करबट मन में उलझी हजारों बातें
सीने में होती एक अजीब सी जो चुभन
जो...