एक लड़का आया लड़की के घर..... सोचते सोचते हो गया वहीं बहोश।
एक लड़का आया लड़की के घर
भगा के अपना सारा डर
मांगने उसके बाप से उसका हाथ
बनकर बेखौफ और निडर,
फुलों से उसका स्वागत हुआ
बनाए गए उसके लिए
नए नए पकवान
देख पड़ा हैरत में
क्योंकी सोच कर आया था
कि जा रहा है वो लड़ने कोई जंग,
इतना सेवा सत्कार देख
पुछ लिया उसने सवाल एक
गुड़िया ने तो कहा था
उसका परिवार है बड़ा शक्त
समाज के चोंचलों का है भक्त,
फिर आप लोग क्यों कर रहे इतना सत्कार
क्या है ये कोई साज़ीस
या मारने का नया हथियार,
ना बेटा ना बेटा
तुम हमें गलत समझ...
भगा के अपना सारा डर
मांगने उसके बाप से उसका हाथ
बनकर बेखौफ और निडर,
फुलों से उसका स्वागत हुआ
बनाए गए उसके लिए
नए नए पकवान
देख पड़ा हैरत में
क्योंकी सोच कर आया था
कि जा रहा है वो लड़ने कोई जंग,
इतना सेवा सत्कार देख
पुछ लिया उसने सवाल एक
गुड़िया ने तो कहा था
उसका परिवार है बड़ा शक्त
समाज के चोंचलों का है भक्त,
फिर आप लोग क्यों कर रहे इतना सत्कार
क्या है ये कोई साज़ीस
या मारने का नया हथियार,
ना बेटा ना बेटा
तुम हमें गलत समझ...