जान-ऐ-जा
जान-ऐ-जां तू मुझे छोड़कर किसी ओर से शादी तो कर लेगा,
मगर तू मुझे भी याद करता रहेगा,
और यह मसला उम्रभर हल नही होगा,
जान-ऐ-जां तेरे जिस्म को छूकर वह तुझे अपना तो बना लेगा,
मेरे इश्क के बिना तू कभी मुकम्मल नही होगा,
उसके छूने भर से तू उसे प्यार तो कर लेगा,
तेरे जिस्म से नही ,तुझे कोई दिल से...
मगर तू मुझे भी याद करता रहेगा,
और यह मसला उम्रभर हल नही होगा,
जान-ऐ-जां तेरे जिस्म को छूकर वह तुझे अपना तो बना लेगा,
मेरे इश्क के बिना तू कभी मुकम्मल नही होगा,
उसके छूने भर से तू उसे प्यार तो कर लेगा,
तेरे जिस्म से नही ,तुझे कोई दिल से...