शायरी#51
जब देखते हैं हम
इश्क को गली से गुजरते हुए
सँभल जाते हैं हम
कतरा कतरा बिखरते हुए
© Spiritajay
इश्क को गली से गुजरते हुए
सँभल जाते हैं हम
कतरा कतरा बिखरते हुए
© Spiritajay
Related Stories