जर्रा जर्रा, पत्ता पत्ता
जर्रा जर्रा, पत्ता पत्ता
टुटता जा रहा हूँ।
ये जिंदगी, तेरी वाकये से
रूठता जा रहा हूँ।
माहताब से यारी
भाँती है मुझे बहोत,
फिर भी घूँट घूँट अँधेरा
पीता जा रहा हूँ।
मायूस, माँ के बगैर,
मेरे बाद कौन ही होगा,
टुकड़ा टुकड़ा...
टुटता जा रहा हूँ।
ये जिंदगी, तेरी वाकये से
रूठता जा रहा हूँ।
माहताब से यारी
भाँती है मुझे बहोत,
फिर भी घूँट घूँट अँधेरा
पीता जा रहा हूँ।
मायूस, माँ के बगैर,
मेरे बाद कौन ही होगा,
टुकड़ा टुकड़ा...