...

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ग़ज़ल
आ गया बासी कढ़ी में उबाल क्या करता
दर्द को उसने बताया दलाल क्या करता

फ़र्ज़ की राह में दम घोंट दिया ख़ुशियाँ का
सिवाय इसके बताओ हलाल क्या करता

दिल का हर दर्द है हमदर्द धड़कनों की तरह
बेवफ़ा ज़िन्दगी है बाकमाल क्या करता

'जहाँ' का दर्द है दामन में, फ़र्ज़ काँधों ...