...

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तुम्हारी हँसी
नर्म नाजुक चहकती तुम्हारी हँसी।
प्यार से भी है प्यारी तुम्हारी हँसी।

उम्र की तपिश हमको जलाती रही,
मेरे रूह को सहलाती तुम्हारी हँसी।

मौसम सुहाना और बरसात के दिन,
मुझे याद आने लगी है तुम्हारी हँसी।

बहके बहके से हैं जज्बात मेरे सनम,
आग दिल में लगाती तुम्हारी हँसी।

महका महका सा अम्बर सुहाना लगे,
हाँ फूलों पत्तों सा महके तुम्हारी हँसी।

रस्मो रिवाजो का...