ख़्वाब
दिल की नादानियाँ था
हसरतों को हक़ीक़त करनी थी,
टूटे ख़्वाबों से ही तो मन्ज़िलों की राह बनती
मुक़म्मल ख़्वाब तो अक़्सर बेताबियाँ देते.
दिल टूट थे तो बुलन्दियों को चूमा था,
वर्ना हर एक...
हसरतों को हक़ीक़त करनी थी,
टूटे ख़्वाबों से ही तो मन्ज़िलों की राह बनती
मुक़म्मल ख़्वाब तो अक़्सर बेताबियाँ देते.
दिल टूट थे तो बुलन्दियों को चूमा था,
वर्ना हर एक...