गुरु
एक ही व्यक्ति जो हमें जीवन की हर राह दिखाता
बिन कुछ ख़ास रिश्ता वो हमें दिल से अपनाता
बदलें में कुछ नहीं बस सम्मान की अपेक्षा रखता
वो गुरु ही है जो हमें हर मुकाम तक चलने का रास्ता है दिखाता।
एक गुरु अपने शिष्य के भविष्य के लिए ख़ुद को है तड़पाता
चाहें ख़ुद क्यों न रहे वो बीमार, फिर भी वो सबको पढ़ाता,
पर फिर भी आजकल वो शिष्यों से सम्मान क्यों न पाता?
क्यों आजकल के शिष्यों के मन में शिक्षकों के लिए सम्मान नहीं आता?
क्यों आजकल का शिष्य इतना गिरता जाता,
गुरु एक अल्फाज़ क्या बोल दे रास्ता...
बिन कुछ ख़ास रिश्ता वो हमें दिल से अपनाता
बदलें में कुछ नहीं बस सम्मान की अपेक्षा रखता
वो गुरु ही है जो हमें हर मुकाम तक चलने का रास्ता है दिखाता।
एक गुरु अपने शिष्य के भविष्य के लिए ख़ुद को है तड़पाता
चाहें ख़ुद क्यों न रहे वो बीमार, फिर भी वो सबको पढ़ाता,
पर फिर भी आजकल वो शिष्यों से सम्मान क्यों न पाता?
क्यों आजकल के शिष्यों के मन में शिक्षकों के लिए सम्मान नहीं आता?
क्यों आजकल का शिष्य इतना गिरता जाता,
गुरु एक अल्फाज़ क्या बोल दे रास्ता...