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अनकहे अफसाने।
कुछ बड़ा ना चाहा था तुझसे ए जिंदगी,
सिर्फ और सिर्फ एक प्यारे हमसफर के सिवा,
तूने उम्मीद भी बहुत दिखाई कुछ पल,
पर उस उम्मीद की डोरी थोड़ी कच्ची रह गई,
अब तो बस यही तमन्ना लिए जीते हैं,
कि कभी उसका दिल फिर रोएगा हमारी याद में,
और फिर से हमारी जिंदगी गुलजार होगी कभी।
© simplicity wins!
सिर्फ और सिर्फ एक प्यारे हमसफर के सिवा,
तूने उम्मीद भी बहुत दिखाई कुछ पल,
पर उस उम्मीद की डोरी थोड़ी कच्ची रह गई,
अब तो बस यही तमन्ना लिए जीते हैं,
कि कभी उसका दिल फिर रोएगा हमारी याद में,
और फिर से हमारी जिंदगी गुलजार होगी कभी।
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