खामोशियाँ
मेरी बात का
यक़ीन करो
खामोशियाँ मेरे तुम्हारे
दरमियाँ अक्सर होती हैं
रूबरू अल्फ़ाज़
अपनी ही हदों में बेहद हो जाते है
और ज़िन्दगी जैसे
दूर किसी मोड़ पर तुम
उम्र की लकीरों में
ज्यादा खूबसूरत
© "the dust"
यक़ीन करो
खामोशियाँ मेरे तुम्हारे
दरमियाँ अक्सर होती हैं
रूबरू अल्फ़ाज़
अपनी ही हदों में बेहद हो जाते है
और ज़िन्दगी जैसे
दूर किसी मोड़ पर तुम
उम्र की लकीरों में
ज्यादा खूबसूरत
© "the dust"
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