...

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इक समय तो सब किनारे हो गए
इक समय तो सब किनारे हो गए
फिर हुआ यूॅं सब हमारे हो गए।

इक समंदर सा हुए हम और फिर
हम भी थोड़े थोड़े खारे हो गए।

जुगनू से हम रोशनी लेते रहे
और बाकी सब सितारे हो गए।

मेरी ग़ज़लों में तुम्हारी खुशबू है
नाम वो सारे तुम्हारे हो गए।

चाॅंद, तारे और जुगनू मेरे दोस्त
मेरी ग़ज़लों के शरारे हो गए।

© Shadab
2122 2122 212