कुछ शब्द है
कुछ शब्द है
जो अब भी अनकहे है..
खामोशी में जाने
कितने गम उसने सहे है..
है कुछ खास नहीं बाकि ...
जो अब भी अनकहे है..
खामोशी में जाने
कितने गम उसने सहे है..
है कुछ खास नहीं बाकि ...