Maa
नन्ही सी जान इस दुनिया में आई थी,
तब माँ की दुनिया पुरी हुई थी
ये परिवार , एक प्यारी सी शेजादी ने बनाया था ।
थे हम एक कागज जितने ,
जब माँ ने हमें अपने हातो से उठाया था ।
थे हम एक साल के भी नहीं ,
जब माँ ने हमें अपने आंचल में संवारा था।
जनम लेते ही जो हमारा पहला दोस्त बनता है
आज उसी दोस्ती की इज्जत करना भूल गए है ।
जिन हातो से कभी खाना खाया करते थे ,
आज उन्हीं हातो से थपड खाने लगे है ।
जिस आवाज़ से लोरिया सुनते थे ,
आज उसी आवाज़ से दाट फटकार सुनते है।
जिस माँ की आंखो में कभी...
तब माँ की दुनिया पुरी हुई थी
ये परिवार , एक प्यारी सी शेजादी ने बनाया था ।
थे हम एक कागज जितने ,
जब माँ ने हमें अपने हातो से उठाया था ।
थे हम एक साल के भी नहीं ,
जब माँ ने हमें अपने आंचल में संवारा था।
जनम लेते ही जो हमारा पहला दोस्त बनता है
आज उसी दोस्ती की इज्जत करना भूल गए है ।
जिन हातो से कभी खाना खाया करते थे ,
आज उन्हीं हातो से थपड खाने लगे है ।
जिस आवाज़ से लोरिया सुनते थे ,
आज उसी आवाज़ से दाट फटकार सुनते है।
जिस माँ की आंखो में कभी...