"वक्त रहते मां-बाप की कीमत समझो"
वक्त रहते हुए मां-बाप की कीमत समझो,
घर में बैठे हुए भगवान की कीमत समझो।
साथ जब तक रहें मां-बाप जहां है अपना,
नींद सुखचैन के बलिदान की कीमत समझो।
ये न सोचो कि मेरे वास्ते किया है कितना,
उनके दिन-रात के एहसान की कीमत समझो।
अपने सामर्थ्य के अनुसार सभी जीते हैं,
एक निर्धन के दिए दान की कीमत...
घर में बैठे हुए भगवान की कीमत समझो।
साथ जब तक रहें मां-बाप जहां है अपना,
नींद सुखचैन के बलिदान की कीमत समझो।
ये न सोचो कि मेरे वास्ते किया है कितना,
उनके दिन-रात के एहसान की कीमत समझो।
अपने सामर्थ्य के अनुसार सभी जीते हैं,
एक निर्धन के दिए दान की कीमत...