...

9 views

#क्या बात करे
#क्याहीबातकरे
अपने घर के छुटा लेते है साथ - तो गैरों की क्या ही बात करे,
नज़रों से दिया करते हैं नफरतों का ज़हर भी - तो क्या ही बात करे!

उगल रही थी ज़िंदगी मियान मे लटकी तलवारों की तरह मेरी,
बेबसी पर अपनी हार का जसन मनाय - तो क्या ही बात करे!

दीया जलाकर रखे इस जगमगाती रोशनी में गुलशन की तरह वो,
शाम ढली आसमा मे छुपा ले गए तारों की - तो क्या ही बात करे!
अब ग़ैरो की क्या ही बात करे...
© villan001