53 views
गिर कर उठना
आज मौसम है ठंडा
मन भी है ठंडा
पुराने पलों में है पड़ा
जहां मैं कभी था खड़ा
जहाँ हंसी के थे रेले
वही आज मन में है मायूसियों के झोले
जहाँ विचारों में थी उन्मादता
वही आज विचारो में है शिथिलता
गिर कर उठना
तूझे ही है सिखना
कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना
अपने साहस से तूझे लोगों को मात है देना ।
- अंकिता द्विवेदी त्रिपाठी -
© Anki
मन भी है ठंडा
पुराने पलों में है पड़ा
जहां मैं कभी था खड़ा
जहाँ हंसी के थे रेले
वही आज मन में है मायूसियों के झोले
जहाँ विचारों में थी उन्मादता
वही आज विचारो में है शिथिलता
गिर कर उठना
तूझे ही है सिखना
कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना
अपने साहस से तूझे लोगों को मात है देना ।
- अंकिता द्विवेदी त्रिपाठी -
© Anki
Related Stories
50 Likes
8
Comments
50 Likes
8
Comments