...

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ये ज़िन्दगी जितनी पूरी , उतनी ही अधूरी भी
गुमसुम है ये ज़मीं , है गुमसुम ये आसमां भी
बिखर रहे है कहीं किसी दिल के अरमाँ भी
मेरे लबों को छूँ गयी बूँदें नमकीन बारिश की
अन्दर बवंडर है कोई और ज़िस्म बेअसर भी
मेरे ख़्वाबों के मक़बरे पर नये ख़्वाबों की तामीर
और...