...

34 views

कुछ ऐसे हो तुम ।।।
कागज़ की कस्ती में लिखदुं ,
या लोगों की किसी बस्ती में कहदुं,
आसमां के तारों पे लिखदुं,
या चांद के उस नूर से कहदुं,

........ये की .......

चमचमाती ओस की बूंदों सा है तु,
खिलखिलाती धुप की किरणों सा है तु,
निर्मल-स्वच्छ झरने के पानी सा है तु,
मेरे दिल के गहराइयों में छिपि एक सच्ची कहानी सा है तु ,

मेरा प्यार तेरे लिए बयांं नहीं हो सकता ,
तेरे अलावा मेरा दूसरा कोई समां नहीं हो सकता,
तु है साथ मेरे इतना ही काफी है मेरे लिए,
कुछ ज्यादा की ख्वाईस करके मैं तुझे कभी खो नहीं सकती/सकता ।
© Siya