...

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साँवला बादल



सुनो .....
तुमने कल ये कहा मुझसे
कि मैं जा रहा हूँ
पर तुम गए तो नहीं
क्योंकि उसी वक़्त
तुम साँवला बादल बन कर
आकाश में छा गए .......
झूठ नहीं कह रही
उस बादल की रंगत
तुम्हारे बदन के जैसी थी
ठीक मेरी छत के ऊपर फैले थे तुम
और तभी तुम्हारे भीतर समाई बूंदें
तुम्हारा प्यार मुझ पर छिड़कने लगी
कितनी मीठी और...