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मोहब्बत का हक
मोहब्बत पर सब का हक है ये सुना तो नहीं,
फिर भी किसी को चाहते रहना गुनाह तो नहीं.
मिल कर बिछड़ना सदा मुकद्दर रहा मेरा,
यह रास्ता मैंने अपनी मर्जी से चुना तो नहीं.
हर कोई देखता है ख्वाब सुंदर सुनहरे,
मैने अकेले ही यह ख्वाब बुना तो नहीं.
फिर भी किसी को चाहते रहना गुनाह तो नहीं.
मिल कर बिछड़ना सदा मुकद्दर रहा मेरा,
यह रास्ता मैंने अपनी मर्जी से चुना तो नहीं.
हर कोई देखता है ख्वाब सुंदर सुनहरे,
मैने अकेले ही यह ख्वाब बुना तो नहीं.
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