...

5 views

तू मुझे समझने की कोशिश कर
तू मुझे समझने की कोशिश कर
मेरी रूह को छूना,
तेरे बस की बात नही।

मैं आग का दरिया हूँ, मत सोच कब जलू? कब है बुझना ?
तेरे बस की बात नही।

हाल ए दिल क्या है? कैसे कहूँ? तन्हाई का आलम है! मगर,
तेरे बस की बात नही।

अजीब सी कश्मकश है। कोई सवाल है पुछ रहा? तुझे बता दूँ! पर,
तेरे बस की बात नही।

दोस्तो से दूर हो रहा हूँ। दुश्मनो के मशवरे ले रहा हू।
अपना बेगाना कौन यहा।
तेरे बस की बात नही।

खुद खुद से जलने लगा हूँ। पथर था मॉम सा पिघलने लगा हूँ।
तेरे बस की बात नही।

ख्याल है कि रुकते नही चाहे में इन्हे कितना ही जलील करू,
मेरे जहन से निकालना।
तेरे बस की बात नही।
योगेश योगी ✍️✍️✍️✍️
© © @yogeshyogi22390